कार दुर्घटना होने पर सबसे पहले सुरक्षा सुनिश्चित करें, घायलों की जाँच करें और 119 पर कॉल करें, साथ ही दूसरी पार्टी की जानकारी का आदान-प्रदान करें। यह शुरुआती प्रतिक्रिया महत्वपूर्ण है।
दुर्घटना स्थल की तस्वीरें लें, गवाहों को ढूंढें और पुलिस को सूचित करें। इसके बाद बीमा कंपनी को दुर्घटना की सूचना दें और यदि आवश्यक हो, तो मुआवजे और मरम्मत की प्रक्रिया के लिए कानूनी सलाह लें।
दुर्घटना से संबंधित दस्तावेज़ों को सुरक्षित रखें, बीमा पॉलिसी को ध्यान से पढ़ें और शांत रहें। स्वयं दुर्घटना स्थल से ना भागें और झूठी जानकारी ना दें।
नमस्ते, सब लोग! आज हम आपको बताएँगे कि अगर कार दुर्घटना हो जाए तो क्या करना चाहिए। दुर्घटनाएँ कभी भी, कहीं भी अप्रत्याशित रूप से हो सकती हैं, इसलिए पहले से जान लेना मददगार होगा। तो, शुरू करते हैं?
1. दुर्घटना स्थल पर शुरुआती प्रतिक्रिया
सुरक्षा सुनिश्चित करना: सबसे पहले, अपनी गाड़ी को जहाँ तक हो सके सुरक्षित जगह पर ले जाएँ। इमरजेंसी लाइट चालू करें और त्रिकोणात्मक रिफ्लेक्टर लगाकर दूसरी दुर्घटनाओं से बचाव करना महत्वपूर्ण है।
चोट की जाँच: अपनी और अपने साथियों की चोटों की जल्दी से जाँच करें। अगर कोई चोट लगी है, तो तुरंत 119 (या आपातकालीन सेवाओं का स्थानीय नंबर) पर कॉल करके आपातकालीन सहायता प्राप्त करें।
दूसरे पक्ष की जाँच: दूसरी गाड़ी के चालक और यात्रियों की चोटों की भी जाँच अवश्य करें।
2. सबूत इकट्ठा करना
तस्वीरें लेना: दुर्घटना स्थल, गाड़ी के क्षतिग्रस्त हिस्से, नंबर प्लेट, आसपास के यातायात की स्थिति आदि की अलग-अलग कोणों से तस्वीरें लें। यह जानकारी बाद में बहुत काम आएगी।
गवाहों से संपर्क: अगर कोई गवाह है, तो उनका संपर्क नंबर अवश्य लें। पुलिस आने तक इंतज़ार करें और गवाहों के बयान भी ले लें।
दूसरे पक्ष की जानकारी का आदान-प्रदान: दूसरे वाहन के चालक से संपर्क नंबर, वाहन नंबर और बीमा जानकारी का आदान-प्रदान करें।
3. पुलिस और बीमा कंपनी को सूचित करना
पुलिस को सूचित करना: दुर्घटना की स्थिति की पुलिस को सूचना दें और जब पुलिस आए तो दुर्घटना के बारे में विस्तार से बताएँ। पुलिस द्वारा बनाई गई दुर्घटना रिपोर्ट की जाँच करें और यदि आवश्यक हो, तो सुधार के लिए अनुरोध करें।
बीमा कंपनी को सूचित करना: तुरंत बीमा कंपनी को दुर्घटना की सूचना दें और उनके निर्देशों का पालन करें। बीमा कंपनी द्वारा मांगी गई सभी कागज़ात और जानकारी सही-सही दें।
4. क्षतिपूर्ति और मरम्मत
मरम्मत करने वाले की चयन: बीमा कंपनी द्वारा नामित मरम्मत करने वाले या किसी विश्वसनीय गैरेज में गाड़ी की मरम्मत करवाएँ। मरम्मत का अनुमान बीमा कंपनी को देना न भूलें।
चिकित्सा खर्चों का निपटारा: अगर कोई चोट लगी है, तो इलाज करवाएँ और इलाज के बिल बीमा कंपनी को क्षतिपूर्ति के लिए दें।
5. कानूनी कार्रवाई
कानूनी सलाह: अगर दुर्घटना से कानूनी विवाद होने की आशंका है, तो वकील से सलाह लें और आगे की कार्रवाई की योजना बनाएँ।
समाधान या मुकदमा: दूसरे पक्ष से समझौते की कोशिश करें, और अगर समझौता नहीं हो पाता है, तो कानूनी प्रक्रिया से मामला सुलझाएँ।
अतिरिक्त सुझाव
शांत रहें: दुर्घटना के बाद भावुक न हों। शांत रहना महत्वपूर्ण है।
कागज़ात रखें: दुर्घटना से संबंधित सभी कागज़ात और रिकॉर्ड सुरक्षित रखें ताकि आगे जरूरत पड़ने पर उनका उपयोग किया जा सके।
बीमा पॉलिसी की जानकारी लें: बीमा पॉलिसी को ध्यान से पढ़ लें ताकि दुर्घटना होने पर लागू होने वाले क्षतिपूर्ति के दायरे को अच्छी तरह से समझ सकें।
※ सावधानियाँ
अपनी मर्ज़ी से दुर्घटना स्थल से न भागें। ऐसा करने पर आपको सज़ा मिल सकती है।
दूसरे पक्ष से समझौता करते समय सावधानी बरतें। समझौते की शर्तों को लिखित में लिखना अच्छा होगा।
बीमा कंपनी को गलत जानकारी न दें। इससे बीमा राशि मिलने में परेशानी हो सकती है।
अतिरिक्त जानकारी
ऑटोमोबाइल सुरक्षा पोर्टल: https://www.car365.go.kr/web/contents/totalhistory.do